à¤à¤• पतà¥à¤¥à¤° सिरà¥à¤« à¤à¤• बार मंदिर जाता है और à¤à¤—वान बन जाता
है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते हैं फिर à¤à¥€ पतà¥à¤¥à¤° ही रहते हैं ..!!
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à¤à¤• औरत बेटे को जनà¥à¤® देने के लिये अपनी सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ तà¥à¤¯à¤¾à¤— देती
है.......
और
वही बेटा à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° बीवी के लिठअपनी माठको तà¥à¤¯à¤¾à¤— देता है
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जीवन में हर जगह
हम "जीत" चाहते हैं...
सिरà¥à¤« फूलवाले की दूकान à¤à¤¸à¥€ है
जहाठहम कहते हैं कि
"हार" चाहिà¤à¥¤
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि
हम à¤à¤—वान से
"जीत" नहीं सकते।
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