ज़िनà¥à¤¦à¤—ी पल-पल ढलती है,
जैसे रेत मà¥à¤Ÿà¥à¤ ी से फिसलती है...
शिकवे कितने à¤à¥€ हो हर पल,
फिर à¤à¥€ हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ रहना...
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये ज़िनà¥à¤¦à¤—ी जैसी à¤à¥€ है,
बस à¤à¤• ही बार मिलती है।
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