चाणकà¥à¤¯ के 15 अमर वाकà¥à¤¯ | सीखें और सीखयें
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1)दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे बड़ी ताकत पà¥à¤°à¥à¤· का विवेक
और महिला की सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¤¤à¤¾ है।
2)हर मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ के पीछे कोई सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ जरूर होता है, यह
कड़वा सच है।
3)अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पहले पांच साल तक खूब पà¥à¤¯à¤¾à¤° करो।
छः साल से पंदà¥à¤°à¤¹ साल तक कठोर अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°
दो।
सोलह साल से उनके साथ मितà¥à¤°à¤µà¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करो।
आपकी संतति ही आपकी सबसे अचà¥à¤›à¥€ मितà¥à¤° है।"
4)दूसरों की गलतियों से सीखो
अपने ही ऊपर पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके सीखने को तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ आयॠकम
पड़ेगी।
5)किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को बहà¥à¤¤ ईमानदार नहीं होना
चाहिà¤à¥¤
सीधे वृकà¥à¤· और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पहले काटे जाते हैं।
6)अगर कोई सरà¥à¤ª जहरीला नहीं है
तब à¤à¥€ उसे जहरीला दिखना चाहिठवैसे दंश à¤à¤²à¥‡ ही न
हो
पर दंश दे सकने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ का दूसरों को अहसास
करवाते रहना चाहिà¤à¥¤
7)कोई à¤à¥€ काम शà¥à¤°à¥‚ करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे
पूछो...
मैं à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करने जा रहा हूठ?
इसका कà¥à¤¯à¤¾ परिणाम होगा ?
कà¥à¤¯à¤¾ मैं सफल रहूà¤à¤—ा?
8)à¤à¤¯ को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये
इस पर हमला कर दो यानी à¤à¤¯ से à¤à¤¾à¤—ो मत
इसका सामना करो।
9)काम का निषà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करो, परिणाम से मत डरो।
10)सà¥à¤—ंध का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° हवा के रà¥à¤– का मोहताज़ होता है
पर अचà¥à¤›à¤¾à¤ˆ सà¤à¥€ दिशाओं में फैलती है।"
11)ईशà¥à¤µà¤° चितà¥à¤° में नहीं चरितà¥à¤° में बसता है
अपनी आतà¥à¤®à¤¾ को मंदिर बनाओ।
12)वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपने आचरण से महान होता है
जनà¥à¤® से नहीं।
13)à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जो आपके सà¥à¤¤à¤° से ऊपर या नीचे के हैं
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दोसà¥à¤¤ न बनाओ,
वह तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ कषà¥à¤Ÿ का कारण बनेगे।
समान सà¥à¤¤à¤° के मितà¥à¤° ही सà¥à¤–दायक होते हैं।
14)अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ के लिठकिताबें और
अंधे के लिठदरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤• समान उपयोगी है।
15)शिकà¥à¤·à¤¾ सबसे अचà¥à¤›à¥€ मितà¥à¤° है।
शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सदैव समà¥à¤®à¤¾à¤¨ पाता है।
शिकà¥à¤·à¤¾ की शकà¥à¤¤à¤¿ के आगे यà¥à¤µà¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ और सौंदरà¥à¤¯
दोनों ही कमजोर है
राजा à¤à¥‹à¤œ ने कवि कालीदास से दस सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤Ÿ सवाल किà¤
1- दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤—वान की सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ रचना कà¥à¤¯à¤¾ है?
उतà¥à¤¤à¤°- ''मां''
2- सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ फूल कौन सा है?
उतà¥à¤¤à¤°- "कपास का फूल"
3- सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥“षà¥à¤ सà¥à¤—ंध कौनसी है
उतà¥à¤¤à¤°- वरà¥à¤·à¤¾ से à¤à¥€à¤—ी मिटà¥à¤Ÿà¥€ की सà¥à¤—ंध ।
4-सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥“षà¥à¤ मिठास कौनसी
- "वाणी की"
5- सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ दूध-
"मां का"
6- सबसे से काला कà¥à¤¯à¤¾ है
"कलंक"
7- सबसे à¤à¤¾à¤°à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ है
"पाप"
8- सबसे ससà¥à¤¤à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है
"सलाह"
9- सबसे महंगा कà¥à¤¯à¤¾ है
"सहयोग"
10-सबसे कडवा कà¥à¤¯à¤¾ है
ऊतà¥à¤¤à¤°- "सतà¥à¤¯".
वो डांट कर अपने बचà¥à¤šà¥‹ को अकेले मे रोती है,
.
वो माठहै, और माठà¤à¤¸à¥€ ही
होती है ।
जितना बडा पà¥à¤²à¤¾à¤Ÿ होता है, उतना बडा बंगला नही होता !! जितना बडा बंगला होता
है,उतना बडा दरवाजा नही होता !! जितना बडा दरवाजा होता है ,उतना बडा ताला
नही होता !!
जितना बडा ताला होता है , उतनी बडी चाबी नही होती !! परनà¥à¤¤à¥ चाबी पर पà¥à¤°à¥‡ बंगले का आधार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का आधार मन की चाबी पर ही निरà¥à¤à¤° होता है।
है मानव....तू सबकà¥à¤› कर पर किसी को परेशान मत कर,जो बात समठन आठउस बात मे मत पड़ !
पैसे के अà¤à¤¾à¤µ मे जगत 1% दूखी है,समठके अà¤à¤¾à¤µ मे जगत 99% दूखी है !!!
आज का शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ विचार:-
यदि आप धरà¥à¤® करोगे तो à¤à¤—वान से आपको माà¤à¤—ना पड़ेगा...,
लेकिन यदि आप करà¥à¤® करोगे तो à¤à¤—वान को देना पड़ेगा..!
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